Chandrayaan-3: मिशन सफल होने के बाद क्या चांद पर रहने लगेंगे इंसान?
Chandrayaan 3 Moon Landing: भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं. इसका कारण है कि अगर भारत इसमें सफल होता है तो वो एक नया इतिहास रचेगा. लेकिन एक सवाल जो सबके मन में है कि क्या अगर चंद्रयान मिशन सफल हो जाता है तो क्या चांद पर जीवन जीने की कोई संभावना बनेगी?
Chandrayaan-3: मिशन सफल होने के बाद क्या चांद पर रहने लगेंगे इंसान?
Chandrayaan-3: मिशन सफल होने के बाद क्या चांद पर रहने लगेंगे इंसान?
आज देश के लिए बहुत बड़ा दिन है. आज भारत का चंद्रयान-3 चांद की जमीं पर अपने कदम रखने जा रहा है. काउंटडाउन शुरू हो चुका है. चंद्रयान चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग करेगा. हालांकि साउथ पोल पर लैंडिंग के दौरान कई सारी चुनौतियां भी होंगी. पिछली बार चंद्रयान-2 मिशन के आखिरी क्षणों में फेल हो जाने के बाद अब इसरो चंद्रयान-3 के मामले में कोई चूक नहीं करना चाहता है. यही वजह है कि इसरो ने इसके लिए प्लान B भी तैयार किया है. अगर चंद्रयान-3 की लैंडिंग में आज किसी भी तरह की समस्या नजर आती है, तो लैंडिंग 27 अगस्त को की जा सकती है. ये फैसला लैंडिंग के आखिरी क्षणों में होगा. हालांकि अभी तक सबकुछ प्लान के मुताबिक ही चल रहा है.
लेकिन इन सबके बीच एक बड़ा सवाल है कि आखिर चांद पर जाने की इतनी होड़ क्यों मची है? अगर चंद्रयान मिशन सफल हो जाता है तो क्या चांद पर जीवन जीने की कोई संभावना बनेगी? क्या आने वाले सालों में वहां इंसान रहने लगेंगे?
चांद पर पहुंचने की होड़ क्यों?
वैज्ञानिकों के हिसाब से चांद पर इंसानों के लिए बहुत कुछ हो सकता है. चांद के साउथ पोल में पानी हो सकता है और पानी को ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में तोड़ा जा सकता है. हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को मिलाकर शक्तिशाली रॉकेट फ्यूल बनाया जा सकता है. चांद पर पानी एक नई जिंदगी दे सकता है. इसके अलावा चांद की वीरान और उजाड़ सतह पर कई कीमती धातुओं के मिलने की संभावना हैं. इन्हीं सब चीजों की खोज के लिए तमाम देशों के बीच चांद पर जाने की होड़ मची है.
चांद पर जीवन की क्या संभावना
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नासा के अंतरिक्ष प्रोग्राम के चीफ हावर्ड हू ये दावा कर चुके हैं कि साल 2030 से पहले चांद पर इंसान लंबे वक्त तक रह सकता है. वैज्ञानिक हावर्ड हू के मुताबिक, साल 2030 से पहले चांद पर इंसान एक्टिव हो सकते हैं, जिसमें उनके रहने के लिए बस्ती होंगी और उनके काम में मदद करने के लिए वहां रोवर्स होंगे. लेकिन धरती से 3 लाख 84 हजार किलोमीटर दूर चंद्रमा पर ये मुमकिन कैसे होगा? इसका कोई उत्तर फिलहाल नहीं मिला है. इस सवाल का जवाब भारत का चंद्रयान-3 खोजेगा. पूरी दुनिया की नजरें इस समय भारत के इस मिशन पर हैं.
भारत के लिए ये मिशन क्यों है खास
चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए बहुत खास है. इसका कारण है कि इस मिशन के जरिए भारत चांद पर तमाम पहलुओं से स्टडी करना चाहता है. इसके अलावा पिछली बार चंद्रयान 2 मिशन आखिरी क्षण में फेल हो गया था. अब इस मिशन में अगर भारत को सफलता मिलती है तो वो पूरी दुनिया को ये संदेश दे पाएगा कि हमारे पास न केवल तकनीकी क्षमता है, बल्कि हमारे पास दक्षिणी ध्रुव पर जाकर सॉफ्ट लैंडिंग करने की भी क्षमता है. दक्षिणी ध्रुव एक ऐसा क्षेत्र है जहां अब तक कोई लैंडिंग नहीं हुई है.पहले की सभी लैंडिंग भूमध्य रेखा और उसके आसपास हुई हैं. दक्षिणी ध्रुव पर उतरना बहुत मुश्किल है और इतने कम बजट में ऐसा करना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
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01:56 PM IST